नरहरपुर - कांकेर जिले के नरहरपुर में वार्षिक देव मेले का भव्य शुभारंभ हो गया है। बस्तर के प्रवेश द्वार कहे जाने वाले इस ऐतिहासिक नगर में आस्था, परंपरा और उल्लास का ऐसा त्रिवेणी संगम देखने को मिल रहा है, जिसमें न केवल नरहरपुर बल्कि आसपास के लगभग 30 गांवों के हजारों ग्रामीण शिरकत कर रहे हैं।
भक्ति के रंग में डूबा नगर
तीन दिनों तक चलने वाले इस मेले के पहले दिन से ही नगर के मेले मे देव परिक्रमा पारंपरिक बाजों की धुन से गूँज उठी हैं। लाखों की संख्या में उमड़ी भीड़ देवी-देवताओं के दर्शन के लिए आतुर दिखी। नगर के प्रमुख देव स्थलों पर सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा, जहाँ लोग फूल-माला लेकर अपनी अर्जी लगाने पहुँच रहे हैं।
मनोकामना पूरी होने पर उमड़ी श्रद्धा
नगर के महाकाली मंदिर के पुजारी विनोद साहू ने बताया कि इस वर्ष बड़ी संख्या में ऐसे श्रद्धालु पहुँच रहे हैं, जिनकी मनोकामनाएं और पुरानी अर्जियां पूरी हुई हैं। पुजारी विनोद साहू के निवास पर भी भक्ति का अनूठा दृश्य देखने को मिला, जहाँ बाजे की धुन पर देवी-देवता झूमते और नृत्य करते नजर आए। इस आध्यात्मिक दृश्य ने वहां मौजूद सैकड़ों लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
व्यापार और मनोरंजन की धूम
धार्मिक अनुष्ठानों के साथ-साथ मेले में व्यापारिक रौनक भी अपने चरम पर है। मेले के मैदान में:
आकर्षण: बच्चों और बड़ों के लिए विभिन्न प्रकार के बड़े झूले। बाजार: कपड़ों की सैकड़ों दुकानें, घरेलू बर्तन और श्रृंगार प्रसाधन के स्टॉल।
खान-पान: होटलों में स्थानीय व्यंजनों का लुत्फ उठाते लोग।
हजारों की संख्या में ग्रामीण अपनी साल भर की जरूरत के सामानों की जमकर खरीदारी कर रहे हैं। दूर-दराज से आए व्यापारियों का कहना है कि भारी भीड़ के कारण इस बार व्यापार काफी अच्छा होने की उम्मीद है।
अगले दो दिन और रहेगी रौनक